Asian Boxing Championships 2022
भारतीय बॉक्सर खिलाड़ी लवलीना बोरगोहेन, परवीन हुड्डा, स्वीटी और अल्फिया खान ने जॉर्डन के अम्मान में चल रही एशिया के बॉक्सर चैंपियनशिप में शुक्रवार को गोल्ड मेडल जीते है। ओर ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता और 75 किग्रा वजन में पहली बार किसी टूर्नामेंट में भाग लेने वाली लवलीना ने उज्बेकिस्तान की खिलाड़ी रुजमेतोवा सोखीबा पर 5-0 पर बहुत शानदार जीत हासिल की हैं। जबकि परवीन ने भी जापान की किटो माई को 5-0 के अंतर से हरा दिया है।
भारतीय बॉक्सरों का जलबा
स्वीटी और अल्फिया ने कजाकिस्तान की बॉक्सर गुलसाया येरजान और जॉर्डन की खिलाड़ी इस्लाम हुसैली को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। स्वीटी ने येरजान को आसानी से बड़ी आसानी से हरा दिया हैं। जबकि अल्फिया की विरोधी पहले राउंड में ही अयोग्य घोषित किये जाने के वजह से बाहर हो गई थी।
दूसरी तरफ मीनाक्षी ने भी एशिया के चैम्पियनशिप में पद अर्पण पर अपना अभियान फ्लाईवेट वर्ग में रजत पदक जीता ओर समाप्त कर दिया। यह जीत 25 वर्षीय लवलीना के लिए एक प्रकार से मनोबल बढ़ाने वाली रही है। क्योंकि टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम करने के बाद वह बहुत ही खराब फॉर्म में चल रही थी। वह वर्ल्ड चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में शुरू से ही बाहर हो गई थी।
असम की यह बॉक्सर 69 किग्रा से लेकर 75 किग्रा में खेलने लग गई थीं। क्योंकि उनका पिछला वजन वर्ग पेरिस ओलंपिक में नहीं है। और दोनों ही बॉक्सरो ने बहुत ही सहज शुरुआत की और एक दूसरे को हमला करने के लिए न्योता दिया। लेकिन लवलीना ने बहुत जल्द ही कुछ दमदार मुक्के लगाकर अपना दबदबा फिर से कायम कर दिया।
लवलीना ने किया दमदार हमला
इसके बाद दोनों ही बॉक्सर एक दूसरे के हमले से बचने का भी प्रयत्न किया। और लवलीना हालांकि कुछ दमदार मुक्के जड़ने में कामयाब भी रही। और उनका एक मुक्का इतना तगड़ा था। कि रेफरी को सोखीबा के लिए गिनती गिननी पड़ गई। और लवलीना का एशिया चैम्पियनशिप यह तीसरा पदक रहा है। और उन्होंने 2017 और 2021 में वेल्टरवेट वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किए थे।
विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक जीतने वाली परवीन राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं ले सकी थी। लेकिन उन्होंने चौथी वरीयता प्राप्त माई के विरुद्ध दबदबा बनाकर रखा। और सर्वसम्मत के साथ फैसले से जीत हासिल की। और दोनों बॉक्सर खिलाडियों ने बहुत आक्रामक अंदाज में शुरुआत की। लेकिन टॉप वरीयता प्राप्त परवीन ने जल्द ही अपना दबदबा बना लिया। और अपनी विरोधी पर दनादन एक के बाद एक कई मुक्के जड़े।