Jay Shah ICC
ग्रेग बार्कले दूसरी बार लगातार, बिना किसी विरोध के अंतराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल के चेयरमैन चुने गए हैं। और जाहिर है। की न्यूजीलैंड के बार्कले के दूसरे कार्यकाल के लिए चयन में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का सबसे बड़ा योगदान है। ऐसे में, आईसीसी में बीसीसीआई की अहम भागीदारी जरूरी थी। बीसीसीआई के सचिव जय शाह को आईसीसी की सबसे ताकतवर वित्त और वाणिज्यिक समिति का प्रमुख चुन लिया गया। बार्कले का कार्यकाल 2 सालों का रहेगा।
ग्रेग बार्कले दूसरी बार ICC चेयरमैन चुने गए
आईसीएसी के पहले चेयरमैन पद के लिए बार्कले के अलावा जिम्बाब्वे के तावेंग्वा मुकुहलानी भी लिस्ट में थे। जिन्होंने बाद में अपना नाम वापस ले लिया था। जिससे बार्कले को निर्विरोध ही चुन लिए गया। बार्कले ने फिर से अपनी नियुक्ति पर यह कहा,की ‘‘अंतराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल का एक बार फिर से चेमरमैन चुना जाना बहुत सम्मान की बात है। और मैं अपने साथी आईसीसी निदेशकों को भी उनके समर्थन के लिये बहुत बहुत शुक्रिया करना चाहूंगा।’’
जय शाह वित्त और वाणिज्यिक समिति के प्रमुख बने
बार्कले को नवंबर 2020 में आईसीसी चेयमरैन चुना गया था। वह इससे पहले ही न्यूजीलैंड क्रिकेट चेमरमैन और 2015 में आईसीसी पुरूष क्रिकेट वर्ल्ड कप के निदेशक भी थे। और उन्हें निर्विरोध भी चुना गया हैं। ओर जिसका मतलब यह हैं। कि 17 सदस्यीय बोर्ड में उनको बीसीसीआई का समर्थन हासिल था। और जय शाह को आईसीसी की महत्वपूर्ण समिति की अध्यक्षता की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। और यह समिति बड़े वित्तीय नीतिगत फैसले भी करती है। जिसके बाद आईसीसी बोर्ड ही इनको मंजूरी देता है।
जय शाह के पास ICC की तिजोरी की चाबी
ICC के सूत्र ने पीटीआई से यह कहा की, ‘‘सभी सदस्य ने जय शाह को वित्त एवं वाणिज्यिक समिति के प्रमुख के रूप में स्वीकार कर लिया हैं। आईसीसी चेयरमैन के साथ साथ यह समान रूप से ताकत वर एक उपसमिति है।’’ और इस समिति के काम में सदस्य देश के बीच में राजस्व साझा करना भी शामिल है। वित्त एवं वाणिज्यिक मामलों की समिति का प्रमुख हमेशा ही आईसीसी बोर्ड का सदस्य ही होता है। और जय शाह का चुना जाना यह साबित करता है। कि वह आईसीसी बोर्ड में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले है। और इस समिति का पद एन श्रीनिवासन के दौर में भारत के पास ही हुआ करता था। लेकिन शंशाक मनोहर के आईसीसी के चेयरमैन के कार्यकाल में बीसीसीआई की ताकत बहुत ही ज्यादा कम हो चुकी थी। बीसीसीआई पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली पिछले साल तक इस समिति के ही सदस्य थे।
भारत वर्ल्ड क्रिकेट के बिजनेस का बॉस है
भारत विश्व क्रिकेट का ट्रेड सेंटर भी है। और 70% से अधिक स्पॉन्सर इस क्षेत्र से ही आते हैं। लिहाजा यह जरूरी है। कि आईसीसी की वित्त एवं वाणिज्यिक समिति की अध्यक्षता हमेशा ही बीसीसीआई की ओर से ही की जानी चाहिए।’’